#तूफ़ान के हालात हैं ना किसी सफर में रहो, पंछियों से है गुज़ारिश अपने शजर में रहो। #ईद के चाँद हो अपने ही घरवालों के लिए, ये उनकी खुशकिस्मती है उनकी नज़र में रहो। #तुम ने खाक़ छानी है हर गली चौबारे की, कुछ दिन की तो बात है अपने घर में रहो।