कभी कबार हसी भी झुठी हो जाती है, लेकिन आंखो से बेहेने वाला आसू कभी झुठा नहीं होता ।। कभी कबार सनम तुम भी झूठी हो जाती हो, लेकिन तुम पे मरने वाला असिक् कभी झूठा नहीं होता ।। कभी कबार पैसा भी झूठा हो जाता है, लेकीन दुनिया में छिपा मोहबत कभी झूठा नहीं होती ।। कभी कबार जिस्म भी झुठी हो जाती है, लेकिन उनमें छिपा रूह कभी झूठा नहीं होता ।। ऐसे ही कभी कबार कफन् भी झुठी हो जाती है, लेकिन उसमें दफनाया जाने वाला राज् कभी झूठा नहीं होता ।। दुनिया के लोग झूठे है, लेकिन दुनिया झुठी नहीं है।। ........................................ #fakelovefakecare