"हक़ीक़त से वाकिफ नहीं है जमाना शायद, मोहब्बत बेवफ़ा नाम से क्यों बदनाम होती है' कभी टूट जाते है रिश्ते मोहब्बत के लिए, कभी मोहब्बत रिश्तों के लिए कुर्बान होती है" #हक़ीक़त से वाकिफ नहीं ज़माना#