आज रात चाँदनी उज्जवल है पुरजोर हवा का झोका है इक तुमसे मिलने के जज्बातों को कैसे हमने रोका है, कितनी यादें लफ्ज बनी हैं उससे भी ज्यादा दिल में है कितने आँसू मोती बन गये कितने आँखों ने रोका है।। -बृजेन्द्र 'बावरा' #NojotoQuote 'जज़्बात शायरी' #bawraspoetry #NojotoHindi #JajbaatShairy #YaadShairy #AansuShairy