White मुफलिसी का आलम लिखूँ या फिर पूंजीवाद का विस्तार लिखूँ। साम्यवाद लिखूँ या फिर सामंतवाद पर लिखूँ। आखिर मैं क्या लिखूँ ? बता मेरी जिंदगी, आखिर मैं क्या-क्या लिखूँ कब कब लिखूँ , क्यों लिखूँ नहीं लिखूँ।। ।। समाप्त।। ©Dinesh Kumar Pandey hindi poetry