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बडा़ भयानक मंज़र देखा, धरती के हाथ में खंज़र देखा

बडा़ भयानक मंज़र देखा, 
धरती के हाथ में खंज़र देखा , 
काट रही थी खुद को हमें सज़ा देने के लिए , 
क्रोध बेशुमार उसके अंदर  देखा , 
बरसते थे झील झरने जहां से कभी, 
बरसता उसी आसमां से समंदर देखा

©Ravi Joshi
  #flood