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माँ ओ माँ, सुनो न यार मेरी सुन ही नहीं रही, आज सुब

माँ ओ माँ,
सुनो न यार मेरी सुन ही नहीं रही,
आज सुबह से मैं तो तड़प गई उस हसी के लिए
माँ ओ माँ हसदो न यार अब तो,
क्यों सबको अपना बनाने में लगी रहती हो
तुम्हे तो सब पता है फिर भी क्यों ऐसी बोली हो
अब हस भी दो न यार
सब बर्दाश है लेकिन तेरे आंसू नहीं
माँ ओ माँ 
हसदो न अब
माँ मेरे लिए और कुनी के लिए हसदो न माँ।।। #MUMMA❤
माँ ओ माँ,
सुनो न यार मेरी सुन ही नहीं रही,
आज सुबह से मैं तो तड़प गई उस हसी के लिए
माँ ओ माँ हसदो न यार अब तो,
क्यों सबको अपना बनाने में लगी रहती हो
तुम्हे तो सब पता है फिर भी क्यों ऐसी बोली हो
अब हस भी दो न यार
सब बर्दाश है लेकिन तेरे आंसू नहीं
माँ ओ माँ 
हसदो न अब
माँ मेरे लिए और कुनी के लिए हसदो न माँ।।। #MUMMA❤