माँ ओ माँ, सुनो न यार मेरी सुन ही नहीं रही, आज सुबह से मैं तो तड़प गई उस हसी के लिए माँ ओ माँ हसदो न यार अब तो, क्यों सबको अपना बनाने में लगी रहती हो तुम्हे तो सब पता है फिर भी क्यों ऐसी बोली हो अब हस भी दो न यार सब बर्दाश है लेकिन तेरे आंसू नहीं माँ ओ माँ हसदो न अब माँ मेरे लिए और कुनी के लिए हसदो न माँ।।। #MUMMA❤