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सौ ग्राम ज़िन्दगी और ढेर सारे ख्वाब मन की ये खामोशि

सौ ग्राम ज़िन्दगी और ढेर सारे ख्वाब
मन की ये खामोशिया ढूंढे ढेरो जवाब
मन कभी चंचल मन मे कभी सैलाब
मन कभी व्याकुल कैसा ये खिंचाव
मन की चेतना और कैसा ये रुआब
पार करे कैसे नाविक मन का ये बहाव
कैसी ये विचलन और कैसा ये झुकाव
मन ये ओढ़े घड़ी-घड़ी ढेरो नक़ाब #inside
सौ ग्राम ज़िन्दगी और ढेर सारे ख्वाब
मन की ये खामोशिया ढूंढे ढेरो जवाब
मन कभी चंचल मन मे कभी सैलाब
मन कभी व्याकुल कैसा ये खिंचाव
मन की चेतना और कैसा ये रुआब
पार करे कैसे नाविक मन का ये बहाव
कैसी ये विचलन और कैसा ये झुकाव
मन ये ओढ़े घड़ी-घड़ी ढेरो नक़ाब #inside
adityakumar3184

aditya kumar

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