तुम्हारी बेरुखी अब हमें अखरती नहीं है, तेरे बिना जीने की हमने आदत डाल ली है, कर लिया है खुद को तेरे इश्क से जुदा, हमने अपनी अब यह लत बदल ली है, कभी मानते थे तुझको हम अपना खुदा, अब हमने अपनी इबादतो की खुदाई बदल ली है, तेरी बेरुखी अब हमें अखरती नहीं है ♥️ Challenge-992 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।