exam खत्म हो गए हैं अब छुट्टियां भी सुरु हों गई है सब अपने अपने घर जा रहे हैं अपनी मां से मिलने अपने गांव को देखने सबके चेहरे पर एक अलग सी खुशी छाई है सब खुश नज़र आ रहे हैं! आख़िर खुश क्यों न हों घर जाना है भाई खुशी तो सबको ही होगी; हां पर ये खूशी सबको नसीब नहीं होती, कुछ लोग छुट्टियों में भी घर नही जा पाते हैं ये अफसोस उन्हें बहुत दुःख देता है पर अब क्या कर सकते हैं सबकी क़िस्मत एक जैसी कहां होती है ©Ruhi #घर #घर_की_याद mujhe bhi ghar jana hai..but afsos 😊चाँदनी