सफर-ए-शहादत तय करते है वो तो जूझते है जुझार बन कर जीते नही जाते है अजीत जैसे जो गुजरते है तूफान बनकर क्या मिटाएगा निशान कोई उनके जो हुए है पैदा गोबिंद की संतान बनके ©Nobita Iss Here सफर ए शहादत तय करते है वो तो जूझते है जुझार बन कर जीते नही जाते है अजीत जैसे जो गुजरते है तूफान बनकर क्या मिटाएगा निशान कोई उनके जो हुए है पैदा गोबिंद की संतान बनके