वो वक़्त बीत गया,वो दौर भी गुज़र गया मग़र महसूस होता रहा आज भी तन्हाइयों में तुम्हारा इश्क़ होकर भी न हो सकी,ज़माने के डर से मैं तेरी खुशबू तेरी साथ साथ रही जैसे मुश्क ज़हन में तो तेरे साथ आज भी जी रही हूं लेकिन ज़िंदगी लगती है अभी भी ख़ुश्क ए खुदा किसी को किसी से जुदा न करना इश्क़ ख़ुदा है और सबको ज़रूरत है खुदा-ए-इश्क़ ©Richa Dhar #Love ख़ुदा ए इश्क़