White ग़लत क्या है,सही क्या है,सभी के अपने किस्से हैं बड़ी उलझी है ये दुनिया,इसी में सबके हिस्से हैं अदम तक साथ चलती हैं,जुबां कि उल्फ़तें देखो अब्द है सब मुहब्बत के,अदब के फूल गर फेंको तुम्हीं सब कुछ बयां करते,खुदी आगाज़ करते हो रकीबों के नक़ाबो में,मरव्वत,ख़ाक करते हो खियाबां दिल को गर कर लो,अत्र नज़रों से बरसेगी उड़ा दो गर्द शीशे से,बीनाई भरपूर चमकेगी ख़ज़ा में ख़ाक हैं जो खार,वहीं अब्तर से रहते हैं उन्हें अहजान क्या रोके,जो नश्तर संग हीं पलते हैं ग़लत क्या है,सही क्या है,सभी के अपने किस्से हैं बड़ी उलझी है ये दुनिया,इसी में सबके हिस्से हैं राजीव ©samandar Speaks #Thinking