उतरा चांद मन आंगन गोरी प्रेम सहारे। पूनम चांद राधिका मुख जैसा कृष्ण पिया रे। चंद्र किरण धोया मुखमंडल नदी किनारे। मावस चांद दिवाली जगमग जमीं पे तारे। छुपा मयंक सुहागन करवा बाट निहारे। ***** मनजीत शर्मा 'मीरा' #पूनम चांद