Nojoto: Largest Storytelling Platform

शोर से लगते है ये सन्नाटे मुझे, तिल तिल कर अब बांट

शोर से लगते है ये सन्नाटे मुझे,
तिल तिल कर अब बांटे मुझे
गुम है कही शामे, चीखती हर सुबह है
जाने क्यों.?
जर्रा जर्रा तोड़ रही है ये राते मुझे

जल रहा कुछ बारीक़ सा,जख्मो की मसालों में
दिखने लगी हूँ कुछ खोई सी, घिरी हूँ सबके सवालो में..

हंस दूँ तो, ये नकल है मेरी
रो दूँ तो, कमजोरी है
अगर कह दूँ तो सब बिखरता है
क्या कुछ न कहने की मंजूरी है?

                                       -महिमा... @Seher
शोर से लगते है ये सन्नाटे मुझे,
तिल तिल कर अब बांटे मुझे
गुम है कही शामे, चीखती हर सुबह है
जाने क्यों.?
जर्रा जर्रा तोड़ रही है ये राते मुझे

जल रहा कुछ बारीक़ सा,जख्मो की मसालों में
दिखने लगी हूँ कुछ खोई सी, घिरी हूँ सबके सवालो में..

हंस दूँ तो, ये नकल है मेरी
रो दूँ तो, कमजोरी है
अगर कह दूँ तो सब बिखरता है
क्या कुछ न कहने की मंजूरी है?

                                       -महिमा... @Seher