2 दिसंबर 2010 की वो एक सुहानी रात थी धूमधाम से मुझे लेने आई आपकी बारात थी शहनाइयों की धुन और आतिशबाजी का उजाला सच में मेरे जीवन की वो सबसे उजाली रात थी!! तुम आए मेरे जीवन में मेरी सुबह बनकर साथ तुम्हारे बिता रहा मेरा जीवन हंसकर हरदम हरपल साथ तुम्हारा करता है मुझको रौशन तुमसे ही सुबह मेरी है शाम तुम्हे से है दिलबर!! महेश की भावना बनकर मुझे मिल गई ये सारी सृष्टि पाकर तुमसे प्यार और सम्मान मिलती है दिल को संतुष्टि हर कदम हर मौसम ये सफर हमारा सफल हुआ ये दो फूल हमारी बगिया के एक अंश हमारा और मिष्टी!! सुनो प्रियतम मेरे अब मेरी दुहाई शादी की सालगिरह की आपको बहुत बहुत बधाई चलो अब दिखाओ कहां है उपहार मेरा ऐसे ही थोड़ी ना की है आपकी इतनी बड़ाई!! महेश की भावना❤️💕 ©Indresh Dwivedi #happY_anniversary