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White वक्त कैसा बना आज सौगात है, लूटता फिर रहा कै

White  वक्त कैसा बना आज सौगात है,
लूटता फिर रहा कैसे ज़ज्बात है,
किन गुनाहों की इनको सजा मिल रही,
बेटियों की जो बनती ये हालात है।

रोईं घर में सिसक कर दिवारें थी चुप,
चीखीं सड़कों पे सारी मीनारें थी चुप,
दर्द कागज पर लिखकर मिटाया गया,
कुछ दिखावे हुए और सरकारें थीं चुप।

कब तलक ये काटी और नोची जायेंगी,
गली चौराहे से कब तक दबोची जायेंगी,
बचाने इनको कोई फरिश्ता आयेगा,
बातें कब तक ये पर्दे में सोची जायेंगी।

अब इनको ऐसे संस्कार दो,
ज्ञान के संग हाथों में हथियार दो।
ग़र इन्हें देखनें की कोई ज़ुर्रत करे,
ख़ाल चौराहे पर अब उसकी उतार दो।।

©Shubham Mishra #sad_quotes तड़पतीं बेटियां
White  वक्त कैसा बना आज सौगात है,
लूटता फिर रहा कैसे ज़ज्बात है,
किन गुनाहों की इनको सजा मिल रही,
बेटियों की जो बनती ये हालात है।

रोईं घर में सिसक कर दिवारें थी चुप,
चीखीं सड़कों पे सारी मीनारें थी चुप,
दर्द कागज पर लिखकर मिटाया गया,
कुछ दिखावे हुए और सरकारें थीं चुप।

कब तलक ये काटी और नोची जायेंगी,
गली चौराहे से कब तक दबोची जायेंगी,
बचाने इनको कोई फरिश्ता आयेगा,
बातें कब तक ये पर्दे में सोची जायेंगी।

अब इनको ऐसे संस्कार दो,
ज्ञान के संग हाथों में हथियार दो।
ग़र इन्हें देखनें की कोई ज़ुर्रत करे,
ख़ाल चौराहे पर अब उसकी उतार दो।।

©Shubham Mishra #sad_quotes तड़पतीं बेटियां