नक़्श लायलपुरी की कलम से प्रस्तुत है- मेरी तलाश छोड़ दे तू मुझको पा चुका मैं सोच की हदों से बहुत दूर जा चुका लोगो ! डराना छोड़ दो तुम वक्त़ से मुझे यह वक्त़ बार बार मुझे आज़मा चुका #KalamSe #NakshLayalpuri