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ना कुछ हासिल हूआ और ना कुछ हासिल होगा जाने इंसान

ना कुछ हासिल हूआ और ना कुछ हासिल होगा 
जाने इंसान को हैवान बना कर क्या मिला सड़कों पर वो जेहादी नारे वो जय श्री राम की ललकार के बदले घर की दहलीज़ पर चीख़ पुकार माहतम दे कर चला गया।वो जो मरे वो ना हिंदू थे ना मुसलमान,किसी के बटे तो किसी के पिता,कोई यतीम हुआ तो कोई विध्वा।कुछ कहते हैं राहुल मारा कुछ कहते राशिद भी,मैं कहता हूँ वो कहाँ मारे वो तो ख़ुद क़ातिल हैं उन्होंने मारा इंसानियत को।
वो कौन सा धर्म है जो बस्तियाँ जलाता है,ख़ून बहाता है,किसी से मस्जिद तोडवाता है तो किसी से रिश्ते तोडवाता।ऐसे किसी धर्म को मैं नहीं जानता,मैं नहीं मानता।
लेकिन तुम मानो तुम जानो क्यों की किसी को वारिश पठान ने तो किसी को कपिल मिश्रा ने धर्म का सैनिक जो बना रखा है।ये जंग तुम लड़ो और इसमें तुम मारो।दंगों में तुम्हारी जान जाएगी  उसके बदले चुनाव में उन्हें जीत मिलेगी।
और हाँ तख़्त पर बैठे ताना शाह तुम इस पर ग़ौर करो: 70 दिन से शाहीन बाग़ में #NRC #CAA का विरोध हुआ जिसमें हिंदू भी जुड़े सिख भी आए,एकता दिखी भाई चारा दिखा।तुमने बस एक दिन #NRC का समर्थन क्या किया दिल्ली दहल गयी।
#DelhiRiots2020 #NewIndia  #mdwriter #mdwriterurdu 


किसी रोज जनाब नवाज देवबंदी साहब  ने भी क्या खूब लिखा था , गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है l
ना कुछ हासिल हूआ और ना कुछ हासिल होगा 
जाने इंसान को हैवान बना कर क्या मिला सड़कों पर वो जेहादी नारे वो जय श्री राम की ललकार के बदले घर की दहलीज़ पर चीख़ पुकार माहतम दे कर चला गया।वो जो मरे वो ना हिंदू थे ना मुसलमान,किसी के बटे तो किसी के पिता,कोई यतीम हुआ तो कोई विध्वा।कुछ कहते हैं राहुल मारा कुछ कहते राशिद भी,मैं कहता हूँ वो कहाँ मारे वो तो ख़ुद क़ातिल हैं उन्होंने मारा इंसानियत को।
वो कौन सा धर्म है जो बस्तियाँ जलाता है,ख़ून बहाता है,किसी से मस्जिद तोडवाता है तो किसी से रिश्ते तोडवाता।ऐसे किसी धर्म को मैं नहीं जानता,मैं नहीं मानता।
लेकिन तुम मानो तुम जानो क्यों की किसी को वारिश पठान ने तो किसी को कपिल मिश्रा ने धर्म का सैनिक जो बना रखा है।ये जंग तुम लड़ो और इसमें तुम मारो।दंगों में तुम्हारी जान जाएगी  उसके बदले चुनाव में उन्हें जीत मिलेगी।
और हाँ तख़्त पर बैठे ताना शाह तुम इस पर ग़ौर करो: 70 दिन से शाहीन बाग़ में #NRC #CAA का विरोध हुआ जिसमें हिंदू भी जुड़े सिख भी आए,एकता दिखी भाई चारा दिखा।तुमने बस एक दिन #NRC का समर्थन क्या किया दिल्ली दहल गयी।
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किसी रोज जनाब नवाज देवबंदी साहब  ने भी क्या खूब लिखा था , गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है l