Radhe Radhe जज़्बातों को अपने रंग-ए-कलम में संवारती हूँ बेसुध पड़े अल्फाजों में जान भर देती हूँ अल्फाज़ो के संग रंगो से भी खेलती हू ना पेशा है ना ही हुनर कागज पर जज्बातो को उकेरती हू....!! -शिरीषा जोशी #yqpaintings