चाहत चाहतें दिल की बड़ी मगरूर हो रही थीं इस बड़े से शहर में किसी और को ढूंँढ रही थी दूर तक नजर कोई भी नहीं आ रहा था मन उससे मिलने को बड़ा परेशान हो रहा था शहर के बड़े आलिशान महलों के बीच नजर कोई भी नहीं एक इंसान आ रहा था ©DR. LAVKESH GANDHI #City # # महलों का शहर है जनाब #