मैं नाविक हूँ अपने सपनों की..... रोज नाव चलाती हूँ... उम्मीद की कश्ती से। ये मेरे मन की चंचलता तूफ़ान बन आती है राह में। चक्रवात बन बैठते है आँखों से रिसते आँसू। फिर नया सवेरा आता है और सब शांत हो जाता है। "हाँ मैं एक नाविक हूँ।" #peace #नाविक #उम्मीद #Nojoto News