श्रीराम की सीता और श्रीकृष्ण की राधा है। शक्ति है शंकर की,फिर जग में कहाँ बाधा है।। पवित्रता का समावेश,इन्हीं की देन है ,, नारी से ही घर में उजाला,बिन नारी के रैन है,, नारी ने तो जल्दी उठके,सूरज को हराया है,, पुरूष-बल भी नारी हैं,नारी पुरूष की छाया है,, नारी घर की लक्ष्मी है,बिन नारी आँगन आधा है। शक्ति है शंकर की, फिर जग में कहाँ बाधा है।। नारी :घर की लक्ष्मी