किवाड़ ( अनुशीर्षक में ) हैं ग्रसित गरीबी से यह मनुष्य ! न हैं कोई सुनने वाला न कोई देखने वाला । करता पालन पोषण पूरे परिवार को ; छोटे बच्चे के इलाज के लिए गिड़गिड़ा रहा डॉक्टर के पाव पर !