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एक रोज़ मैं बड़ी तबीयत के साथ उछालूँगा आसमान में एक

एक रोज़
मैं बड़ी तबीयत के साथ
उछालूँगा आसमान में
एक पत्थर
और कोशिश करूँगा
एक तारा तोड़ने की
हो सका तो लम्बी
लकड़ी से भी झटकूँगा
पूरा ज़ोर लगाऊँगा
एक तारा तो ज़रूर
तोड़ लगाऊँगा
फिर भी ना टूटा मुझसे वो
तो रात भर आसमान को ताकता रहूँगा
कुछ माँगना हैं मुझें तारो से
शायद वो ही कोई रास्ता देदे
बस एक यही ख़्वाब है
जिसको देखने के लिए
मैं सोता हूँ
पर मुझें नींद नही आती
बड़ी मुश्किल से बिस्तर के 
किसी कोने में 
एक आराम आता हैं
और फिर सुबह हो जाती हैं
पता नहीं ये क्या होता हैं
ये क्यों होता हैं
पर वो सपना बड़ा हसीन हैं
अफ़सोस मुझें अब सपने नहीं आते
तुम्हारी आँखों मे एक अलग चमक हैं
तुम सुनाओ तुम्हें 
कौनसे से ख़्वाब आते हैं ?


उज्ज्वल~

©Ujjwal Sharma एक रोज़
मैं बड़ी तबीयत के साथ
उछालूँगा आसमान में
एक पत्थर
और कोशिश करूँगा
एक तारा तोड़ने की
हो सका तो लम्बी
लकड़ी से भी झटकूँगा
एक रोज़
मैं बड़ी तबीयत के साथ
उछालूँगा आसमान में
एक पत्थर
और कोशिश करूँगा
एक तारा तोड़ने की
हो सका तो लम्बी
लकड़ी से भी झटकूँगा
पूरा ज़ोर लगाऊँगा
एक तारा तो ज़रूर
तोड़ लगाऊँगा
फिर भी ना टूटा मुझसे वो
तो रात भर आसमान को ताकता रहूँगा
कुछ माँगना हैं मुझें तारो से
शायद वो ही कोई रास्ता देदे
बस एक यही ख़्वाब है
जिसको देखने के लिए
मैं सोता हूँ
पर मुझें नींद नही आती
बड़ी मुश्किल से बिस्तर के 
किसी कोने में 
एक आराम आता हैं
और फिर सुबह हो जाती हैं
पता नहीं ये क्या होता हैं
ये क्यों होता हैं
पर वो सपना बड़ा हसीन हैं
अफ़सोस मुझें अब सपने नहीं आते
तुम्हारी आँखों मे एक अलग चमक हैं
तुम सुनाओ तुम्हें 
कौनसे से ख़्वाब आते हैं ?


उज्ज्वल~

©Ujjwal Sharma एक रोज़
मैं बड़ी तबीयत के साथ
उछालूँगा आसमान में
एक पत्थर
और कोशिश करूँगा
एक तारा तोड़ने की
हो सका तो लम्बी
लकड़ी से भी झटकूँगा

एक रोज़ मैं बड़ी तबीयत के साथ उछालूँगा आसमान में एक पत्थर और कोशिश करूँगा एक तारा तोड़ने की हो सका तो लम्बी लकड़ी से भी झटकूँगा #Night #Stars #Raat #Neend #Sapna #कविता #khwaab #taare #Sitare #bistar #jaagna