Nojoto: Largest Storytelling Platform

मन की व्यथा कोई ना जाने क्यूं हुए हम दुनिया से बे

मन की व्यथा कोई ना जाने 
क्यूं हुए हम दुनिया से बेगाने

सिसक सिसक कर रोते अक्सर
खुद को समझाते करके लाख बहाने

मन की व्यथा कोई ना जाने

खुद ही खुद से बाते करते
बन चुके एकदम दीवाने

लोग बुरा भला जो कहते 
सुन लेते है उनके ताने

मन की व्यथा कोई ना जाने

खुद ही खुद में खोए रहते 
याद करे बीते अफसाने

यूं तो जिंदा हूं मैं 
लेकिन खुलकर जीए हो गए जमाने

मन की व्यथा कोई ना जाने

©Sajan
  #मन_की_व्यथा