कभी आदत थे हम तुम्हारे अब तो बस एक ज़रूर है ऐसा क्यों ?... कभी हर लम्हा गुजारा करते थे अब तो वक्त़ हीं नहीं मिलता ऐसा क्यों ?... जो आंखें ढुढां करती थी हर पल हमें वो अब झुकी ही रहती है ऐसा क्यों ?... जो लब्जें खुलते ही शिकायत किया करते थे वो लब्ज सिऐ से है ऐसा क्यों ?... ऐसा क्यों.....