कुछ युं डायरी के पन्ने सिसकियाँ समेटा करते हैं, दर्द अल्फाजों में उतरकर दफ्न हुआ करते हैं.... घुटन बन जाता है जब हद से गुजर जाता है सब, पास हैं शायद सभी, मगर फिर भी, हम अकेले होते हैं... डायरी के पन्नों में ही ख़ुद को पाते और खोते रहते हैं... मिलना जमाने से अपना अब तो जमाना हुआ यारों... हम तो बस खुद से मिलकर हर रोज जश्न मना लेते हैं... कुछ ऐसे ही दायरे में अब हम रहा करते हैं... काग़ज पर इसतरह ही हम अपने अरमान समेटा करते हैं... हम अपने कोरे पन्नों में रंगों के स्वाभिमान समेटा करते हैं... #SP ✍️ ©Ajnabii Inherself #NAPOWRIMO #Ajnabii_inherself #Nojotohindi Nojoto Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"