तेरे कर्मों का भी बन्दें, होगा इक दिन हिसाब रे, मत बोल बुरा किसी को, मीठी कर लें तू भी अपनी जुबान रें, सुन रहा है वो भी सब कुछ, जिसने दी तुझें जुबान रें, तेरे कर्मों का भी बन्दें, होगा इक दिन हिसाब रें, तेरे कर्मों का भी बन्दें, होगा इक दिन हिसाब रें, देखता है वो भी सब कुछ, तू जो सबसे छुपाता है, तेरा हर कर्म कहां उसकी, नजरों से छुप पाता है, तेरे कर्मों का भी बन्दे, होगा इक दिन हिसाब रें, तेरे कर्मों का भी बन्दे, होगा इक दिन हिसाब रें निर्दोष को तू दोषी बता कर, अपना दोष जब छुपाएगा, उसकी अदालत में फिर, तू कैसे सजा से बच पाएगा, मत भूल तू यह बन्दें तुझसे भी बड़ी इक भगवान की अदालत है, तेरे कर्मों का भी वहां पर पूरा ब्यौरा है, तेरे कर्मों का भी बन्दे , होगा इक दिन हिसाब रें। Meenakshi Sharma तेरे कर्मों का भी इक दिन होगा रे हिसाब रे