खुश तो मुझे भी करना आता है झूठ बोलकर,कोई बड़ी बात नहीं, पर क्या यह अच्छा नही कि तुम्हे सच बोलकर नाराज़ कर दूं, भले दिल से बदसूरत हो, लेकिन ईमानदार तो बन ही जाओगे रिशु, यह अच्छा नही कि तेरी मुसाफिरी-ए-जन्नत का आगाज़ कर दूँ, छोड़ दे तूँ दुनिया क्या सोचती है,शायद अपने अंदर नही झांका होगा, फैसले सब खुदा पर छोड़ दे तूँ, मैं तो कहता हूं खुली किताब बन जा रूह की सच्चाई तो खूबसूरती से हज़ार गुना अच्छी है,मैं तो कहता हूं, क्यों ना अंधेरा ही कबूल कर ले तूँ ,रात के बाशिंदों के लिए मेहताब बन जा #yqbhaijan #yqdidi #सच्चाईजिंदगीकी #खुलीकिताब #बेइज्जती_से_डरो_नहीं_सीख_लेकर_आगे_बढ़ो