सिपाही यो जिस ढेस के साथी है हम किसी खराब नजर पड ने ना ढे। सब का साथी हम है भारत भुमि का बीर हैं । सब का जान ढेना हमारे काम है सब जगह पे मेरे काम है । ढेश के रखयक हम है सब से उच्चा मेरा बतन है। हम उसके सीस है उस सीस को हम झुक ना नादे यहि तो मेरे देश है यहि तो मेरे ढेश है । सिपाही