ज़िंदगी (अनुशीर्षक में पढ़ें) ज़िंदगी ज़िंदगी में ज़्यादातर होता है यही जो चाहो वो होता है कहाँ जो मिलता है फ़िर उसी को करना पड़ता है सही सारी उम्र अपने सपनों के पीछे