बचपन के दादी नानी की सुनाई कहानियाँ अब कहाँ भूलत

बचपन के  दादी नानी की सुनाई कहानियाँ अब  कहाँ भूलती हैं
एक छत पर गुजारी जग जग कर सारी रात अब कहाँ भूलती हैं
 दुपहरी में गुट बनाकर  छुप छुप के कॉमिक जो पढ़ी  कहाँ भूलती है
आज के भाग दौड़ की ज़िंदगी में आराम के वो दिन कहाँ भूलती है।

©Shipra Pandey ''Jagriti' #Yaatrabachapnki
बचपन के  दादी नानी की सुनाई कहानियाँ अब  कहाँ भूलती हैं
एक छत पर गुजारी जग जग कर सारी रात अब कहाँ भूलती हैं
 दुपहरी में गुट बनाकर  छुप छुप के कॉमिक जो पढ़ी  कहाँ भूलती है
आज के भाग दौड़ की ज़िंदगी में आराम के वो दिन कहाँ भूलती है।

©Shipra Pandey ''Jagriti' #Yaatrabachapnki