क्यों रूठे हो जिंदगी से अपनी कभी श्याम की महफ़िल में तो बैठो मह्सुश करो खुशी किसी के दिल की कभी साथ 2 जाम लेके तो बैठो दर्द जो भरा ह दिल में तुम्हारे उसे किसी के साथ साँझा करो क्यों हर गम को छुपा के हो बैठे B@++