विश्वास की डोर होती है बहुत ही नाजुक और कोमल सी, जरा सी ठेस लगने पर है इसमें दरार पड़ने लग जाती है। विश्वास पर ही टिके होते हैं सच्चे और दिल के सारे रिश्ते, विश्वास के बगैर किसी रिश्ते की कोई उम्र नहीं होती है। सालों लग जाते हैं विश्वास की डोर को मजबूत बनाने में, विश्वास डगमगाने को एक गलतफहमी ही काफी होती है। जो इस नाजुक डोर को जीवन में संभाल कर रख देता है, हर रिश्ते की अहमियत उसकी जिंदगी में बनी होती है। कभी भी विश्वास को तोड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, एक बार टूटने के बाद जुड़ भी जाए तो दरार जरूर होती है। ♥️ Challenge-627 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।