सदियों से होता है यही तो घोटाला, इस दुनियां में है बस पैसों का बोलबाला, पैसों से रुपया बनता ,रुपयों से सरकार, ये हमारी व्यवस्था,जाने कब से है बीमार, बची नहीं इंसानियत,बचे नहीं संस्कार, बस गरीब पे पड़ती है,रिश्वत की ये मार, भ्रष्टाचार को मिटाने ,आए थे कुछ लोग, आज वो सत्ता में बैठे,करे रिश्वत का उपभोग, काजल की ये कोठरी,सब को दाग लगाए, हाथ में आए सत्ता तो,सभी भ्रष्ट बन जाए, भ्रष्टाचार की जड़े जम गई है गहरी, रुपयों के लिए बिक गए सब लोकतंत्र के प्रहरी, #भ्रष्टाचार