Moon and the dark night दिल टूट गया तो रोना क्यों यादो का खजाना बाकी हैं मुझसा कोई ना चाहेगा तुझे ये समझ मे आना बाकी हैं ,तेरी यादों के बातो की सौगात सजाए बैठे हैं, तेरे साथ बिताए लम्हो की जज़्बात सजाए बैठे हैं जब प्यार हमारा सच्चा था तो क्यों आंसू बर्बाद करे ,तन्हाई और जाम के साथ हर रात सजाए बैठे हैं ,की दो चार जाम ही पिये हैं अभी सारा मयखाना बाकी हैं मुझसा कोई ना चाहेगा तुझे ये समझ मे आना बाकी हैं।