मेरी कोई हैसियत नहीं, मैं फिर भी लिखता हूँ | एक इंजीनियर था, अब शायरी करता हू | अपनी मंजिल की तलाश में, रोज चलता हू | कभी तो मेरी शायरी वो पढ़ेंगे, इसीलिए तो nojoto pe रोज लिखता हू | #इसीलिए nojoto पे तो रोज लिखता हूँ |