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कितना बुलंद मेरे नबी का मकाम है,

कितना बुलंद मेरे नबी का मकाम है,                                                                                                   सारा जमाना पढता दरूद-ओ-सलाम है,                                                                                                   ए काश मेरी कब्र में फरिश्ते ये कह दें,                                                                                                 सोने  दो इसे ये मेरे नबी का गुलाम है....!!!!
कितना बुलंद मेरे नबी का मकाम है,                                                                                                   सारा जमाना पढता दरूद-ओ-सलाम है,                                                                                                   ए काश मेरी कब्र में फरिश्ते ये कह दें,                                                                                                 सोने  दो इसे ये मेरे नबी का गुलाम है....!!!!
moinkhan5271

Moin Khan

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