कितना बुलंद मेरे नबी का मकाम है, सारा जमाना पढता दरूद-ओ-सलाम है, ए काश मेरी कब्र में फरिश्ते ये कह दें, सोने दो इसे ये मेरे नबी का गुलाम है....!!!!