#WorldTheatreDay कोई यहां नाचता हैं कोई किसी को नचाता है जिंदगी को खेल समझ रखा है उन्होंने पर ये सारे खेल उपर वाला ह रचाता तुम कितना ज्ञान देदो किसी को जो होना ह व्ही होगा कोई नहीं है जग का ज्ञाता #World_Theatre_Day B@+₹+ कवि राहुल पाल #sofi Gulati