जीवन के हर पड़ाव पर कुछ अच्छे या बुरे लोग हमें मिलेंगे, पर मन में विचार उच्च हैं तो ,हर कठिन समय पर आपको अपने अंदर भगवान ज़रूर मिलेंगे। तो बस उसके मार्गदर्शन से अपना जीवन अमुलवान अमुलय बनाए, और अंतिम समय पर इस तृप्त भावना से अपने शरीर से विदा हो जाएं। तृप्त होना पर हमेशा मन से होना।