जल रहे थे चिराग बड़े इत्मीनान से, हम सुलगते रहे और रात गुजरती रही न जाने क्यों काली स्याह रातों में कुछ यादें सताती रही। ©Ajaynswami #HEART_BEA_TEA #rt #like4likes #follow4followback #coment_follow_and_share