इक़ टीस बचा के रखी है इक़ दर्द बचा के रखा है अजीबोगरीब इस दुनिया में इक़ हमदर्द बचा रखा है . इक़ नज़र बचा के रखी है इक़ असर बचा के रखा है हमसे भी कोई टकरायेगा इक़ सबर बचा के रखा है . तुम आये भी तो चले गए अच्छा ही हुआ जो चले गए ज़िंदा तो हुए हम थोड़ी देर को जल्द मगर सब सिलसिले गए . कहने को क्या कुछ बाकी है रहने को क्या कुछ बाकी है मिट रहे थे फ़ासले जो फिर बने सहने को क्या कुछ बाक़ी है . इक़ जीस्त बचा के रखी है इक़ सुकूं बचा के रखा है इक़ आस बचा के रखी है इक़ जुनूं बचा के रखा है . इक़ याद बचा के रखी है इक़ सांस बचा के रखी है तुम आओगे तो पी लेंगे तुमको इक़ प्यास बचा के रखी है जीस्त