ए अजनबी ! ज़रा ठहर जा , हम पहले ही किसी के सताये हुए है ...... लौट जा तु वापस ! मरहम नहीं मैं तेरे दिल का , ये दिल पहले ही गहरे जख्म खाये हुए है ...... मुकम्मल नहीं तेरी मोहब्बत यहाँ , जो ख्वाब तुने हमारे संग सजाये हुए है ...... और सुन ! मोहब्बत नहीं हमारे नसीब में ,इस मामले में हम किस्मत के ठुकराये हुए है ...... ©Khamosh Alfaaz ( Rinki ) #khamoshalfaaz#ajnabi#love#sad#life#tears