Nojoto: Largest Storytelling Platform

एहसासों को समेट कर, वो तेरा बालकनी में आना..! इश

 एहसासों को समेट कर,
वो तेरा बालकनी में आना..!

इश्क़ का था सबसे,
ख़ूबसूरत नज़राना..!

मैं शर्मीले स्वभाव का लड़का प्रिये,
मन में छुपा कर रखता बातें..!

एहसासों को अल्फ़ाज़ों में,
पिरो कर हाय! ये मेरा इश्क़ जताना..!

चाहता हूँ मैं हाल-ए-दिल,
तुम तक कुछ यूँ ही पहुँचाना..!

दिल के एक कोने में,
तुझ संग अपनी तस्वीर सजाना..!

वीरान पड़े इस दिल को,
अपनी मोहब्बत से फिर बसाना..!

मायूसी चेहरे पर न रखना कभी,
तुम हमेशा खुल कर मुस्कुराना..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #traintrack #dilkeekkoneme