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हम क्षत्रिय हैं साहब जनवरी की जुलाई नहीं करतें। जो

हम क्षत्रिय हैं साहब जनवरी की जुलाई नहीं करतें।
जो आंख दिखायें उसे पल भर में निपटा दिया करतें हैं।

©pratibha Singh thakur क्षत्रिय
हम क्षत्रिय हैं साहब जनवरी की जुलाई नहीं करतें।
जो आंख दिखायें उसे पल भर में निपटा दिया करतें हैं।

©pratibha Singh thakur क्षत्रिय

क्षत्रिय #कविता