कागज़ •••••••• एक कागज़ था, बिलकुल कोरा-सा। बिना किसी लिखावट के ही गोरा-सा। जिसके भाग्य में न क़लम की स्याही थी। बस अश्क ही उसकी गहराई थी। #काग़ज