ज़िंदगी की शाम जिंदगी की शाम कभी भी हो सकती है। ये साँस मौत की ग़ुलाम कभी भी हो सकती है। जितने हो सकें कर दो अछे काम ये उम्र तुम्हारी खत्म कभी भी हो सकती है। Shivansh Mishra Arzooo 😍😍