ना जाने आँखे क्या ढूंढ रही है... मंजिल करीब है पर आंखे.. शायद तेरे चेहरे की हंसी ढूंढ रही है.. -चंद्रसेन कोरी.. #कोरी#अल्फ़ाज़एकोरी #kori #alfaazayekori