डूबने डुबोने की प्रथा चली आ रही है किसी के सपने डूब रहे हैं किसी के अपने डूब रहे हैं ख्वाबों की कश्ती में उलझनों की बस्ती में अतीत के सपनों में हकीकत डुबो रही है हसरतें पूरी करें तो परेशानी डूबा रही हैं उम्मीदों के गुब्बारे से फुल ते रहोगे तो सपनों के दरिया में तैरते रहोगे #-गुडविन-# #raining